माना के मुश्त-ए-ख़ाक से बढ़कर नहीं हूँ मैं लेकिन हवा के रहम-ओ-करम पर नहीं हूँ मैं इंसान हूँ धड़…
Read Moreचराग़-ओ-आफ़ताब गुम, बड़ी हसीन रात थी शबाब की नक़ाब गुम, बड़ी हसीन रात थी मुझे पिला रहे थे वो, कि खुद…
Read Moreमेरी ज़िन्दगी किसी और की, मेरे नाम का कोई और है मेरा अक्स है सर-ए-आईना, पस-ए-आइना कोई और है (सर…
Read Moreमेरे रश्के क़मर तू ने पहली नज़र जब नज़र से मिलाई मज़ा आ गया मेरे रश्के क़मर तू ने पहली नज़र जब नज़र से…
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