आँखों में जल रहा है क्यूँ? बुझता नहीं धुआँ
उठता तो है घटा सा बरसता नहीं धुआँ .....✍
चूल्हें नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई
कुछ रोज़ हो गये हैं अब, उठता नहीं धुआँ ....✍
आँखों के पोंछने से लगा आँच का पता
यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ ......✍
आँखो से आँसुओं के ™मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आये तो, चुभता नहीं धुआँ ......✍
( ™मरासिम = मेल-जोल )
बेहतरीन अल्फ़ाज़ : - गुलज़ार साहब
शानदार आवाज़ : - जगजीत सिंह
उठता तो है घटा सा बरसता नहीं धुआँ .....✍
चूल्हें नहीं जलाये या बस्ती ही जल गई
कुछ रोज़ हो गये हैं अब, उठता नहीं धुआँ ....✍
आँखों के पोंछने से लगा आँच का पता
यूँ चेहरा फेर लेने से छुपता नहीं धुआँ ......✍
आँखो से आँसुओं के ™मरासिम पुराने हैं
मेहमाँ ये घर में आये तो, चुभता नहीं धुआँ ......✍
( ™मरासिम = मेल-जोल )
बेहतरीन अल्फ़ाज़ : - गुलज़ार साहब
शानदार आवाज़ : - जगजीत सिंह
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