दर्द-ए-दिल में कमी ना हो जाए ,,,
दोस्ती दुश्मनी ना हो जाए ,
तुम मेरी दोस्ती का दम ना भरो
आसमाँ मुद्दई ना हो जाए ,,, !
बैठता हैं हमेशा रिन्दों में ,,,
कही ज़ाहिद वली ना हो जाए ,
अपनी ख़ु-ए-वफ़ा से डरता हू,
आशिक़ी बन्दगी ना हो जाए ,,,
दोस्ती दुश्मनी ना हो जाए ,
तुम मेरी दोस्ती का दम ना भरो
आसमाँ मुद्दई ना हो जाए ,,, !
बैठता हैं हमेशा रिन्दों में ,,,
कही ज़ाहिद वली ना हो जाए ,
अपनी ख़ु-ए-वफ़ा से डरता हू,
आशिक़ी बन्दगी ना हो जाए ,,,
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