फूल बरसे कहीं शबनम कहीं ™गौहर बरसे
और इस दिल की तरफ़ बरसे तो पत्थर बरसे ...✍
(™गौहर = मोती)
कोई बादल हो तो थम जाए मगर अश्क मिरे
एक रफ़्तार से दिन रात बराबर बरसे .....✍
हम जैसे मजबूर का गुस्सा भी अजब बादल है
अपने ही दिल से उठे अपने ही दिल पर बरसे ....✍
बर्फ़ के फूलों से रौशन हुई ™तारीक़ ज़मीं
रात की शाख़ से जैसे ™मह-ओ-अख़्तर बरसे ....✍
( ™तारीक़ = अँधेरा, स्याह, काला),
( ™मह-ओ-अख़्तर = चाँद और तारे)
प्यार का गीत अँधेरों पे उजालों की फुवार
और नफ़रत की ™सदा शीशे पे पत्थर बरसे ....✍
( ™सदा = आवाज़)
बारिशें छत पे खुली जगहों पे होती हैं मगर
ग़म वो सावन है जो उन कमरों के अंदर बरसे ...
और इस दिल की तरफ़ बरसे तो पत्थर बरसे ...✍
(™गौहर = मोती)
कोई बादल हो तो थम जाए मगर अश्क मिरे
एक रफ़्तार से दिन रात बराबर बरसे .....✍
हम जैसे मजबूर का गुस्सा भी अजब बादल है
अपने ही दिल से उठे अपने ही दिल पर बरसे ....✍
बर्फ़ के फूलों से रौशन हुई ™तारीक़ ज़मीं
रात की शाख़ से जैसे ™मह-ओ-अख़्तर बरसे ....✍
( ™तारीक़ = अँधेरा, स्याह, काला),
( ™मह-ओ-अख़्तर = चाँद और तारे)
प्यार का गीत अँधेरों पे उजालों की फुवार
और नफ़रत की ™सदा शीशे पे पत्थर बरसे ....✍
( ™सदा = आवाज़)
बारिशें छत पे खुली जगहों पे होती हैं मगर
ग़म वो सावन है जो उन कमरों के अंदर बरसे ...
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