जवानी के हीले हया के बहाने,
ये माना कि तुम मुझसे पर्दा करोगी,
ये दुनिया मगर तुझसी भोली नहीं है,
छुपा के मोहब्बत को रूसवा करोगी।
बड़ी कोशिशों से बड़ी ख्वाहिशों से,
तमन्ना की सहमीं हुई साजिशों से,
मिलेगा जो मौका तो बेचैन होकर,
दरिचों से तुम मुझको देखा करोगी।
सताएगी जब चाँदनी की जब उदासी,
दुखाएगी दिल जब फिजा की खामोशी,
उफक़ की तरफ खाली नजरें जमाकर,
कभी जो ना सोचा वो सोचा करोगी।
कभी दिल की धडकन महसूस होगी,
कभी ठंडी साँसों की तूफान उठेगी,
कभी दिल के बिस्तर पर आंहे भरोगी,
कभी झुकते तकिये पर रोया करोगी।
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