कोई मौसम ऐसा आये
उस को अपने साथ जो लाये
लोगों से तारीफ सुनी थी
उस से मिलकर देखा जाये
आज भी दिल पर बोझ बहुत हैं
आज भी शायद नींद न आये
हाल हैं दिल का जुगनू जैसा
जलता जाये बुझता जाये
बीते लम्हें कुछ ऐसे हैं
जैसे खुशबू हाथ न आये
उस को अपने साथ जो लाये
लोगों से तारीफ सुनी थी
उस से मिलकर देखा जाये
आज भी दिल पर बोझ बहुत हैं
आज भी शायद नींद न आये
हाल हैं दिल का जुगनू जैसा
जलता जाये बुझता जाये
बीते लम्हें कुछ ऐसे हैं
जैसे खुशबू हाथ न आये
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