Tum baithe ho lekin/तुम बैठे हो लेकिन जाते

तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ
मैं तन्हाई के दिन आते देख रहा हूँ

आने वाले लम्हे से दिल सहमा है
तुमको भी डरते घबराते देख रहा हूँ

कब यादों का ज़ख्म भरे कब दाग मिटे
कितने दिन लगते हैं भुला के देख रहा हूँ

उसकी आँखों में भी काजल फैला है
मैं भी मुड़ के जाते जाते देख रहा हूँ
तुम बैठे हो लेकिन जाते देख रहा हूँ

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