Ai kash meri aah me / ऐ काश मेरी आह में इतना असर

ऐ काश मेरी आह में इतना असर तो हो
मेरा ख़याल उसको मुझे देख कर तो हो।

पहली नज़र में वो मुझे आशिक़ समझ गए
पहचान ले निगाह को इतनी नज़र तो हो।

ये क्या के आज कुछ है कल कुछ ज़बान पर
शिकवा हो या हो शुक्र मगर उम्र भर तो हो।

ये क्या के दुश्मनी में भी होने लगी कमी
मिलता रहे वो रंज के जिसमे गुज़र तो हो।

आते ही आते आएगा फ़रियाद में असर
जल्दी पड़ी है क्या अभी टुकड़े जिगर तो हो।।

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