Do dil tute do dil haare / दो दिल टूटे दो दिल हारे

दो दिल टूटे दो दिल हारे
दुनिया वालों सदके तुम्हारे

देखेगी मुखड़ा अपना, अब से जवानी दिल के दाग में
बरसेगा कैसे सावन, कैसे पड़ेंगे झूले बाग़ में
बैन करेंगे ख्वाब कुंवारे
दो दिल।।

मैं ना रहूंगी लेकिन, गूंजेंगी आहें मेरी गाँव में
अब ना खिलेगी सरसों, अब ना लगेगी मेहंदी पाँव में
अब ना उगेंगे चाँद सितारे
दो दिल।।

प्यार तुम्हारा देखा, देखा तुम्हारा आँखें मोड़ना
तोड़ तो डाला दिल को, खेल नहीं है दिल का तोड़ना
तड़पोगे तुम भी साथ हमारे
दो दिल।।

Post a Comment

0 Comments