Mousam hai ashikana / मौसम है आशिकाना

मौसम है आशिकाना
ऐ दिल कहीं से उनको ऐसे में ढूंढ लाना

कहना के रुत जवां है, और हम तरस रहे हैं
काली घटा के साये, बिरहन को डस रहे हैं
डर है न मार डाले, सावन का क्या ठिकाना
मौसम है आशिकाना

सूरज कहीं भी जाये, तुम पर ना धूप आये
तुमको पुकारते हैं, इन गेसूओं के साये
आ जाओ मैं बना दूँ, पलकों का शामियाना
मौसम है आशिकाना

फिरते हैं हम अकेले, बाहों में कोई ले ले
आखिर कोई कहाँ तक तनहाईयों से खेले
दिन हो गये हैं ज़ालिम, राते हैं कातिलाना 
मौसम है आशिकाना

ये रात ये खामोशी, ये ख्व़ाब से नज़ारें 
जुगनू हैं या जमीं पर उतरे हुए हैं तारें 
बेख़ाब मेरी आँखे, मदहोश है ज़माना
मौसम है आशिकाना.

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