सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता
निकालता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता ,
जवां हिमे लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा
हया यकलख्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता
शब्-ए-फुर्कत का जाएगा हूँ फरिश्तों अब तो सोने दो
कभी फुर्सत में कर लेना हिसाब, आहिस्ता आहिस्ता
सवाल-ए-वस्ल पे उनको अदू का ख़ौफ़ है इतना
दबे होंठो से देते है जवाब , आहिस्ता आहिस्ता
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फर्क है इतना
इधर तो जल्दी जल्दी है, उधर आहिस्ता आहिस्ता
वो बेदर्दी से सर काटें 'अमीर' और मै कहूँ उनसे हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता ज़नाब आहिस्ता आहिस्ता।।
www.k2hindi.blogspot.in
निकालता आ रहा है आफ़ताब आहिस्ता आहिस्ता ,
जवां हिमे लगे जब वो तो हमसे कर लिया परदा
हया यकलख्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता
शब्-ए-फुर्कत का जाएगा हूँ फरिश्तों अब तो सोने दो
कभी फुर्सत में कर लेना हिसाब, आहिस्ता आहिस्ता
सवाल-ए-वस्ल पे उनको अदू का ख़ौफ़ है इतना
दबे होंठो से देते है जवाब , आहिस्ता आहिस्ता
हमारे और तुम्हारे प्यार में बस फर्क है इतना
इधर तो जल्दी जल्दी है, उधर आहिस्ता आहिस्ता
वो बेदर्दी से सर काटें 'अमीर' और मै कहूँ उनसे हुज़ूर आहिस्ता आहिस्ता ज़नाब आहिस्ता आहिस्ता।।
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