Benaam Saa Dard Thahar Kyu (Ghazal), Hindi Lyrics
बेनाम-सा ये दर्द,
ठहर क्यों नहीं जाता,
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नहीं जाता...
बेनाम सा ये दर्द....
सब कुछ तो है क्या,
ढूँढ़ती रहती हैं निगाहें,
क्या बात है मैं वक़्त पे घर क्यों नहीं जाता...
बेनाम सा ये दर्द...
वो एक ही चेहरा,
तो नहीं सारे जहाँ में,
जो दूर है वो दिल से उतर क्यों नहीं जाता...
जो बीत गया वो गुजर क्यो नही जाता..
मैं अपनी ही उलझी हुई,
राहों का तमाशा,
जाते हैं जिधर सब, मैं उधर क्यों नहीं जाता...
बेनाम सा ये दर्द...
वो ख़्वाब जो बरसों से,
न चेहरा, न बदन है,
वो ख़्वाब हवाओं में बिखर क्यों नहीं जाता...
बेनाम-सा ये दर्द ठहर क्यों नहीं जाता,
जो बीत गया है वो गुज़र क्यों नहीं जाता...
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