Tere bare me jab/तेरे बारे में जब सोचा

तेरे बारें में जब सोचा नहीं था,
मैं तन्हा था मगर इतना नहीं था,

तेरी तस्वीर से करता था बातें,
मेरे कमरे में आईना नहीं था,

समन्दर ने मुझे प्यासा ही रखा,
मैं जब सहरा में था प्यासा नहीं था,

मनाने रुठने के खेल में,
बिछड जायेगे हम ये सोचा नहीं था,

सुना है बन्द करली उसने आँखे,
कई रातों से वो सोया नहीं था,

Post a Comment

0 Comments