Tere nisar sakiya jitani piyun pilaane ja

तेरे निसार साक़िया जितनी पियूं पिलाए जा,
मस्त नज़र का वास्ता, मस्त मुझे बनाए जा,

तुझको किसी से दर्द क्या, बिजली कहीं गिराए जा,
दिल जले या जिगर जले, तू यूँही मुस्कुराये जा,

सामने मेरे आ के देख, रुख़ से नक़ाब हटा के देख,
खिलमन-ए-दिल है मुन्तज़िर बर्क़े नज़र गिराए जा,

वफ़ा-ए-बदनसीब को बख्शा है तूने दर्द जो,
है कोई इसकी भी दवा, इतना ज़रा बताये जा,

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