Vo dil hi kya tere milane ki jo dua na kare

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे...

रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर
ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे...

ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में
ख़ुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे..

सुना है उसको मोहब्बत दुआएँ देती है
जो दिल पे चोट तो खाये मगर गिला न करे...

(गिला = शिकायत)

ज़माना देख चुका है परख चुका है उसे
'क़तील' जान से जाये पर इल्तिजा न करे....

(इल्तिजा = प्रार्थना, विनय, निवेदन, गुज़ारिश)

-क़तील शिफ़ाई..

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