वो रुला कर हंस ना पाया देर तक
जब मैं रो कर मुस्कुराया देर तक
भूलना चाहा कभी उस को अगर
और भी वो याद आया देर तक
ख़ुदबख़ुद बेसाख़्ता में हंस पड़ा
उस ने इस दर्जा रुलाया देर तक
भूके बच्चों की तसल्ली के लीए
माँ ने फिर पानी पकाया देर तक
गुनगुनाता जा रहा था एक फ़क़ीर
धूप रहती है ना साया देर तक
कल अंधेरी रात में मेरी तरह
एक जुगनू जगमगाया देर तक
ना खलफ बेटे तो दर्दे सर बने
बेटियों ने सर दबाया देर तक
जब मैं रो कर मुस्कुराया देर तक
भूलना चाहा कभी उस को अगर
और भी वो याद आया देर तक
ख़ुदबख़ुद बेसाख़्ता में हंस पड़ा
उस ने इस दर्जा रुलाया देर तक
भूके बच्चों की तसल्ली के लीए
माँ ने फिर पानी पकाया देर तक
गुनगुनाता जा रहा था एक फ़क़ीर
धूप रहती है ना साया देर तक
कल अंधेरी रात में मेरी तरह
एक जुगनू जगमगाया देर तक
ना खलफ बेटे तो दर्दे सर बने
बेटियों ने सर दबाया देर तक
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